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संयुक्त राष्ट्र की चौथी विश्व जल रिपोर्ट में कहा गया है की दुनिया भर में पानी की बर्बादी नहीं रोकी गयी तो गंभीर परिणाम होंगे. भारत में इस रिपोर्ट को अत्यंत गंभीरता से लेने की जरुरत है. वैसे तो भारत प्राकृतिक जल सम्पदा से भरपूर देश है किन्तु यहाँ जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का आभाव है तथा जल संरक्षण के लिए किये गए सरकारी प्रयास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते है.
भारत में बेरोकटोक भूगर्भीय जल दोहन जारी है. जहाँ देश के कई हिस्सों में नागरिकों को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध नहीं है वही २०० मिली शीतल पेय बनाने के लिए कई लीटर पानी खर्च कर दिया जता है. मनोरंजन के लिए बने वाटर पार्कों में बड़ी मात्रा में भूगर्भीय जल का दोहन कर लिया जाता है. बेशकीमती भूगर्भीय जल की इन फिजूल खर्चियों पर रोक लगानी होगी. बड़े सरकारी व निजी संस्थानों में वर्षा जल संरक्षण संयंत्र लगाना अनिवार्य करना होगा. व्यक्तिगत स्तर पर भी जल का अपव्यय बंद करना होगा तभी हम आने वाली पीड़ियों के लिए जल बचा पाएंगे. भविष्य के जीवन के लिए हमें आज जल बचाना ही होगा.
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