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किरकेट खेल की एक बड़ी प्रतियोगिता आईपीएल इन दिनों भारत में चल रही है. इस प्रतियोगिता को सरकारी संस्था बी सी सी आई से मान्यता प्राप्त है. पूर्व में इस प्रतियोगिता में सट्टे बाजी की अनेक घटनाए सामने आ चुकी है. इस बार भी एक टी वी चैनल ने स्टिंग आपरेशन के जरिये पता लगाया है की खिलाडी आउट होने के लिए अथवा हारने के लिए पैसा लेते है. क्योंकि बड़ी बड़ी फ़िल्मी और औद्योगिक हस्तियों का पैसा इस प्रतियोगिता में लगा हुआ है और वे इसके जरिये करोड़ों के वारे न्यारे करते है इसलिए अनेकों बार सट्टे बजी की बात सामने आने पर भी इस प्रतियोगिता को बंद करने अथवा गहन जांच की जरुरत नहीं समझी गयी.
कभी किरकेट भद्र जानो का खेल होता था और गर्मियों में खिलाडी खेलने से परहेज करते थे. किन्तु अब न तो यह भद्र जानो का खेल रह गया और न ही खिलाडियों को चिलचिलाती गर्मियों में खेलने से कोई ऐतराज है. हर बार चौके छक्के पड़ने पर कम वस्त्र पहने हुए लड़कियां नाचती है. इस प्रतियोगिता के दौरान देर रात तक शराब और नाच गाने की पार्टियाँ चलती है. एक टीम का मालिक छोटे कर्मचारियों से गली गलौज करता है. एक टीम का खिलाडी सरे आम लड़की से अभद्रता करने पर गिरफ्तार कर लिया जाता है. दो महीने तक चलने वाली इस प्रतियोगिता का समय भी ऐसा रखा गया है जब देश में परीक्षाएं चल रही होती है. मैदान पर खेल भावना का स्थान कठोर प्रतिस्पर्धा ने ले लिया है. ऐसे में इस प्रतियोगिता पर रोक लगाना ही उचित प्रतीत होता है, क्योंकि यह खेल प्रतिस्पर्धा न होकर व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा बन गयी है.
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