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हाल ही मै हमारे प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव संपन्न हुए. इन चुनावों में पालिका अध्यक्ष एवं सदस्यों के पदों के लिए हर नगर में सैकड़ों प्रत्याशी खड़े हुए. वैसे तो ये सभी प्रत्याशी अलग अलग विचारधारा के और राजनैतिक दलों के पुरुष व महिलाये थे किन्तु एक बात इन सभी प्रत्याशियों में एक समान थी. अपनी अपनी प्रचार सामिग्री के अनुसार ये सभी प्रत्याशी “निर्भीक, जुझारू, कर्मठ, इमानदार और जन सेवा में सदैव तत्पर” रहने वाले थे. इनमे से कुछ उच्च शिक्षित कुछ शिक्षित और कुछ की प्रचार सामिग्री इस विषय पर मौन थी. आश्चर्य तो यह की घूँघट की आड़ में वोट मांगने वाली महिला प्रत्याशी भी जुझारू और निर्भीक थी. एक अच्छी बात यह की मोहल्ले में उपेक्षित रहने वाले बड़े बूड़े प्रत्याशियों के आदरणीय हो गए. सबसे पहले बुजुर्गों से ही चरण स्पर्श कर आशीर्वाद माँगा जाता. सफ़ेद कपड़ों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आ गया. कलफ लगे सफ़ेद कपड़ों की धुलाई के पैसे भी बड़ गए. दिन भर के चुनाव प्रचार के उपरांत थकन उतरने के लिए देवताओं के सोमरस का प्रयोग भी एकांत स्थलों पर खूब हुआ. नए मकानों और वाहनों पर प्रचार सामिग्री भी खूब चिपकाई गयी जिसे बाद में मकान व वाहन स्वामी खिसियाते से हटाते नजर आये. इस प्रकार अनेकों विविधताओं का साक्षी रहा यह चुनाव. इन चुनावों में विजयी सभी प्रत्याशियों को बधाई.
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