सोचिये-विचारिये
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अभी हमारी न्याय व्यवस्था ‘निर्भया’ के हत्यारों को दंड भी ना दे सकी है
और देश की अनेक बेटियां दरिंदगी का शिकार हो गयी. अब जयपुर में मूक बधिर
बच्चियों के साथ दुराचार का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है.
सर्कार ने निर्भया पर जुल्म के बाद कठोर कानून तो बनाया पर उससे इन
दरिंदो के मन में कोई खौफ उत्पन्न नहीं हुआ प्रतीत होता है. नए कानून के
बावजूद हमारी न्याय व्यवस्था शायद निर्भया पर सबसे ज्यादा जुल्म धने वाले
कथित नाबालिग को उसके जुल्म के अनुरूप कठोर सजा नहीं दे पायेगी.
दुराचारियो को हतोत्साहित करने के लिए कठोर सजा के प्रावधान के साथ
मुक़दमे की समय सीमा तय करना भी अति आवश्यक है. लम्बी चलने वाली न्याय
प्रक्रिया अपराधियों के मन में खौफ उत्पन्न नहीं कर सकेगी.
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