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मैच फिक्सिंग मामले में अपने दामाद के फंसने के बाद भी अगर बी सी सी आई प्रमुख श्री निवासन अपने पद से इस्तीफा नहीं दे रहे है तो इस पर किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए. यह अनैतिक निर्लज्जता उन्होंने देश के तमाम राजनेताओं से सीखी है जो विभिन्न मामलो में फसने के बाद ऐसा कहते रहे है. आश्चर्य तो इस बात पर होना चाहिए …………….
-कि जिस टीम का सी ई ओ स्वयं मैच फिक्सिंग और सट्टे बाजी के आरोप में पकड़ा गया है उस टीम का कप्तान कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा.
-कि जरा जरा सी बात पर विपक्ष की बखिया उधेड़ने वाले कांग्रेसी नेता और आई पी एल प्रमुख राजीव शुक्ला इस मुद्दे पर आश्चर्यजनक मौन धारण किये हुए है.
-कि विपक्ष के नेता और बी सी सी आई के पदाधिकारी अरुण जेटली भी मौन है.
-कि बी सी सी आई के सभी सदस्य श्री निवासन के इस दावे पर चुप है की बोर्ड के सारे सदस्य मेरे साथ है.
वास्तविकता यह है की उद्योगपतियों, फ़िल्मी हस्तियों और राजनेताओं के गठजोड़ ने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को आई पी एल के जरिये बेवकूफ बनाया है और अपनी जेबें गरम की है. इस देश में इतनी बड़ी बड़ी संख्याओं के घोटाले हो चुके है की अब किसी नए घोटाले के खुलने पर अब कोई आश्चर्य नहीं होता. अगर इस फिक्सिंग मामले की निष्पक्ष जांच की गयी तो कई बड़े चौका देने वाले नाम सामने आ सकते है. किन्तु देश में सामने आये अन्य घोटालों की तरह इस मामले की भी जांच के बहाने लीपापोती कर दी जाएगी.
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